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Sunday, February 4, 2018

problems faced by youth in hindi/क्या है आज के युवा की सबसे बड़ी समस्या


    "अपनी युवावस्था का आनन्द लो, आप इस पल जितने युवा हो उतना इसके बाद कभी नहीं होओगे"

                                                                                                                     -  चैड सग 
                                         



    क्या है आज के युवा की सबसे बड़ी समस्या  जिससे वह आगे नहीं बढ़ पा रहा है 

     
  दोस्तों अगर किसी युवा से पूछा जाय की उसके करियर में सबसे बड़ी समस्या/बाधा क्या है क्यों तुम आगे नहीं बढ़ पा रहे हो?   

यकीनन उसके पास ढेर सारे excuses ( बहाने) होंगे, जैसे मेरे माता पिता मुझे support नहीं करते, मैं बहुत गरीब परिवार से हूँ, मेरे पास टाइम नहीं है, देश में नौकरियों की कमी है, मेरी अच्छी education नहीं है, competition बहुत अधिक है और रोजगार के साधन बहुत कम, और लोग बहुत talented हैं, उनकी education अच्छे स्कूलों में हुई है etc...

 ( यकीनन शिक्षा किसी की भी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है लेकिन यदि आपकी शिक्षा में कोई कमी रह भी गई तो भी आप अपनी सोच में बदलाव करके सफल हो सकते हैं.)



"आप अक्सर पायेंगे कि ये आपके मम्मी या पापा, हसबैंड या वाइफ या बच्चे नहीं हैं जो आपको सफल होने से रोक रहे हैं। ये आप खुद हैं। अपने रास्ते से हट जाइए।"
                                                                                                     --Robert kiyosaki


दोस्तों कहीं न कहीं हम खुद भी अपने रास्ते में बाधा पैदा करते हैं, और सफल होने से वंचित रह जाते हैं, कई कारण हैं जो आपको आगे बढने से रोक रहे हैं, आइये जानते हैं कुछ कारण जो आज के युवाओं के सफतला के रास्ते में रुकावट बन रहे हैं---



1. शिक्षा व्यवस्था ( Education System ) -


 शिक्षा व्यवस्था आज के युवा की समस्याओं का सबसे बड़ा कारण है, भारत में आज जो शिक्षा है वह पूर्णत: अंकों पर आधारित  है, शिक्षक, अभिभावक, समाज और छात्र सबका फोकस सिर्फ अच्छे अंकों पर होता है, 

कोई भी ज्ञानवर्धक, विकासपरक, रोजगारपरक, innovation, योग्यता आधारित शिक्षा की बात ही नहीं करता. हर कोई अंकों के मायाजाल में फंसा हुआ है, 

जो बच्चों और युवाओं के सही talent को बाहर निकलने से रोक रहा है, जिससे युवा आँखे बंद कर उसी दिशा में दौड रहें हैं जहाँ सभी दौड़ रहें हैं,



     यदि शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया जाय और बच्चों को उनकी योग्यता के आधार पर आगे बढने के अवसर दिए जाएँ, 

उनका बचपन से ही प्रशिक्षण किया जाये, 

उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जाय,

उन्हें बेहतर करने के लिए प्रेरित किया जाय, 

कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय, 

नये रिस्क लेने और समस्याओं को फेस करना सिखाया जाये, 

किताबी शिक्षा की बजाय व्यावहारिक और व्यवसायिक शिक्षा दी जाये, 

असफलता से निराश होने के बजाय उससे कुछ सीखना सिखाया जाय, 

नये Innovation के लिए प्रेरित किया जाये, 

जिस क्षेत्र में उनकी रूचि और योग्यता है उसी क्षेत्र से सम्बन्धित अवसरों के बारे में जानकारी दी जाये और उसी ओर आगे बढने के लिए प्रेरित किया जाय. 

इस तरह की व्यवस्था और माहौल उन्हें स्कूल और घर पर दिया जाये तो यकीनन स्टूडेंट्स का भविष्य अधिक खुशहाल और सफलता से भरा होगा.


   2.  गलत आदतें  

बचपन से ही कुछ गलत आदते हमारे अंदर घर  कर जाती हैं और एक बार जो आदत पड़ जाती है हम उसके साथ जीने में ही comfort महसूस करते हैं और उसे बदलने के बारे में सोचते ही नहीं हैं, 

गलत आदते जैसे-- देर से उठाना, कोई भी काम समय पर नहीं करना, काम में ध्यान नहीं लगाना, दूसरों से खुद की तुलना करना और निराशावादी होना, हर चीज के नकारात्मक पक्ष को देखना, खुद को कमतर समझना, काम को टालते रहना और आलस करना, सही गलत में अन्तर नहीं कर पाना, अपने निर्णय खुद नहीं लेना आदि.. 

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        एसी ही कई आदते जो आपको आगे नहीं बढने देती, जब तक इन आदतों से छुटकारा नहीं पाते तथा इनकी जगह सकारात्मक आदते नहीं अपनाते, आपके लिए सफल होना काफी मुश्किल होगा.





3. छोटी सोच/ लिमिटेड विज़न 

बचपन से ही बच्चो के दिमाग में समाज, परिवार और T.V. आदि के द्वारा बहुत ही संकुचित सोच व बाते भर दी जाती हैं,  जैसे -- पढ़ते रहो, नहीं तो कोई अच्छी नौकरी नहीं मिलेगी, ओरो से अच्छे नम्बर लाओ तभी तुम्हारा समाज में मान बढेगा, दूसरों को देखो, वो क्या कर रहें हैं वही करते जाओ, तुम भी उसी दौड में सामिल हो जाओ, पैसा ही सबकुछ है,बिना पैसो के कोई तुम्हारी कद्र नही करेगा, वगैरह वगैरह ...
      

     
         उस बच्चे की क्या खूबियाँ हैं वह क्या करना चाहता है? उसकी रूचि किस काम में है यह सब कोई नहीं जानना चाहता, 

कोई माता पिता या कोई स्कूल भी बच्चों को भीड़ में सामिल करने में कोई कसर नही छोड़ते, खुद उनकी सोच इतनी लिमिटेड हैं की वे उसके दायरे से आगे सोच ही नहीं पाते. 

वे कुए तक सीमित हैं जो समुद्र के बारे में न तो जानते हैं न जानना चाहते हैं.



ज्यादातर लोगों की सोच एक जैसी है सब एक ही दौड़, दौड़ रहे हैं जो काम एक कर रहा है वही सब कर रहे हैं कुछ लोगों को छोडकर बाकि सब एक दुसरे की देखादिखी कर रहे हैं. कुछ साल पहले तक engineering या teaching आदि की डिग्री बहुत कम लोगों के पास होती थी लेकिन आज तो जैसे इन डिग्रियों की बाढ सी आ गई है. एक दूसरे की देखादेखी में हमे कोई और अवसर दिख ही नही रहे.


        जो बच्चे इस दौड में सामिल हो जाते हैं फिर वे एक छोटी सी जॉब के लिए सालों तक मेहनत करते हैं, एक ऐसी जॉब जिसके लिए उसी के जैसे हजारों लाखों अन्य लोग भी दिन रात एक कर तैयारी कर रहे होते हैं आखिर कितने लोगों को वो जॉब मिल पायेगी और अगर मिल भी गई तो वो कितनी तरक्की कर पाएंगे. 


        

        देखादेखी के चक्कर में किसी नौकरी को पाने में वे जितनी मेहनत करते है उतनी मेहनत अगर वे उस काम में करने लगे, जिसमे उनकी रूचि है तो वे कई गुना अधिक सफल हो सकते हैं, क्योंकि जब आदमी अपनी रूचि से काम करता है तो वह अपने काम पर फोकस करता है जो उसके काम की गुणवत्ता को कई गुना बढ़ा देता है जिससे उसके सफल होने के मौके कई गुना बढ़ जाते हैं.    


यदि आप भी इस तरह की किसी रेस में सामिल हो चुके हैं तो जरा सोचिये और खुद से पूछिये , क्या आप उस काम को करने में बहुत खुश महसूस कर रहे हैं या करेंगे? क्या इसी काम में आपकी रूचि है?  क्या इस काम को करने में आपको इससे मिलने वाले पैसे से ज्यादा ख़ुशी मिल रही है या मिलेगी ?

या फिर ये आप थोड़े से पैसों के लिए और एक ठीक ठाक से जीवन जीने किए लिए कर रहे हैं! यदि एसा है तो फिर आप जिन्दगी भर संघर्ष करने वाले हैं क्योंकि जिस काम में आपका interest न हो उसे करना किसी यातना से कम नहीं है और यह यातना आप अपने पूरे युवावस्था के लिए चुन रहे हैं जब आपको इससे छुटकारा मिलेगा आप बूढ़ें हो चुके होंगे.




आज सम्भावनाओं की कोई कमी नही है, कमी है तो उन्हें देखने की,

जरूरत है तो अलग नजरिये वाले लोगों की, नई सोच की, कुछ क्रिएटिव लोगों की, साहस की और मिलकर नये रिस्क लेने वालों की,

अगर ऐसा हुआ तो देश में तरक्की करने वालों की बाढ़ आ जाएगी, वे अपने साथ कई और लोगों को भी रोजगार देंगे और अनावश्यक बेरोजगारी खत्म हो जाएगी.

       दोस्तों अपनी सोच के दायरे को बढाइये, अपनी क्षमताओं को पहचानिए अपनी रूचि के काम को चुनिए और पूरे दिल से इसमें अपना करियर तलासिये और जी जान से मेहनत कर अपना भविष्य सफलता से भर दीजिये.
  

          अलग-अगल रुचियाँ जैसे -- किताब लेखन, पेंटिंग, खेल, कुकिंग, Horticulture, Designing, Business, Psychologist, योग Teacher, Motivator, करियर Counselor आदि बहुत से क्षेत्र हैं जिसमे आप अपनी  रूचि और योग्यता के अनुसार अपना करियर चुन सकते हैं. जरूरी नही आपको किसी के यहाँ नौकरी करनी है किसी भी क्षेत्र में आप ट्रेनिंग लेकर अपना खुद का काम सुरु कर सकते हैं.


"मेरे लिए व्यवसाय बसों की तरह है. आप एक जगह खड़े होते हैं और पहली बस जहाँ जा रही है वो आपको पसंद नहीं है. दस मिनट इंतजार कीजिये, दूसरी आएगी, ये भी पसंद नहीं, वे आती रहेंगी, बसों और व्यवसायों का कोई अंत नहीं है."
                                                                                                                   -Sheldon Adelson 

  

   4. सोशल मीडिया व अन्य चीजों में समय की बर्बादी - 

क्या आपने कभी सोचा है आप एक दिन में कितने मिनट या घंटे सोशल मीडिया, टीवी आदि पर बर्बाद कर देते हैं और इससे आपको कोई फायदा भी है या सिर्फ नुकसान ही है. 

यकीनन आज के समय में युवा फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, you tube आदि पर अपने घंटो बर्बाद कर देते हैं इसमे समय किस प्रकार निकल जाता है पता ही नही चलता 

और इतना समय निकल जाता हैं की कोई भी जरूरी काम करने के लिए समय नहीं बचता और फिर युवा समय की कमी की शिकायत करते हैं. 



        समय की बर्बादी ही सोशल मीडिया का एकमात्र नुकसान नही हैं बल्कि इससे युवाओं और बच्चों की सोच का दायरा भी छोटा हो रहा है 

वे अनावश्यक संगठनों में पड़कर अपना समय तो बर्बाद करते हैं ही साथ ही अपनी मानसिकता को भी दूषित करते हैं, 

वे धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र, राजनीतिक पार्टी आदि के नाम पर ऐसे लोगों से उलझे रहते हैं जिन्हें वे जानते तक नहीं.

 इसके साथ ही अपनी किसी पोस्ट अथवा फोटो पर लाइक्स और comment देखने के लिए बार बार सोशल साईट को देखते रहना, युवाओं का पूरा ध्यान उनकी जिन्दगी के लक्ष्य से भटका देता है और युवा अपने बडे लक्ष्य हासिल करने की अपेक्षा क्षणिक ख़ुशी को ज्यादा महत्व देते हैं.


आजकल के दौर में  कई  लोग दूसरे के सामने दिखावा करने पर  खुस होते हैं , 

सोशल मीडिया पर कोई फोटो डालना, status बदलना और अधिक से अधिक likes और कमेंट की उम्मीद करना और एसा होने पर खुस होना और न होने पर दुखी होना... 

जरा सोच के देखिये ये सब दिखावा क्यों?, अगर हम खुस है तो हैं इसमे दिखावा करने की क्या जरूरत.  ये सब हमारे समय को बर्बाद करता है और हमारी सोच को छोटा करता है.



यकीनन यदि सोशल मीडिया का सही से इस्तेमाल नही किया गया और यह आपका समय इसी प्रकार बर्बाद करता रहा तो आप अपना भविष्य अंधकार में डाल देंगे, 

अत: अगर आप भी इस लत में पड गये हैं तो आज ही इसे छोड़ने का प्रयास सुरु कर दीजिये यदि इसे पूरी तरह छोड़ना नहीं भी चाहते तो इसका समय बहुत कम कर दीजिय ताकि आपके अन्य कामों पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े. 




5.आत्मविश्वास व साहस की कमी और असफलता का डर--

  कोई भी नया रिस्क लेने के लिए खुद पर विश्वास और साहस होना बहुत जरूरी है 

जैसे कोई नया बिज़नस सुरु करना हो या कोई अलग काम करना हो या कोई भी एसा क्षेत्र चुनना जिसमे  जाने में अधिकतर लोग  इसलिए साहस नही जुटा पाते क्योंकि उन्हें पहले ही असफलता का डर सताने लगता है 

तो ऐसे काम को चुनने के लिए  वास्तव में बहुत अधिक साहस की आवश्यकता होती है, अधिकतर लोगों में इस रिस्क को उठाने का साहस नहीं होता, जिससे वे सुरुवात करने से पहले ही हार जाते हैं.

यदि आपके पास वह साहस है और रिस्क ले लेते हैं तो आपके जीतने के chances काफी बढ़ जाते हैं क्योंकि वहां आपको कोई खास competition नहीं मिलेगा.

      आत्मविश्वास की कमी के कारण युवा अपने माता पिता के खिलाफ जाकर अपनी इच्छा के अनुसार करियर से सम्बंधित कोई रिस्क नहीं ले पाते और Comfort Zone में फंसे रह जाते हैं.


"यदि आप सोचते हैं की आप कोई काम कर सकते हैं या ये सोचते हैं की कोई काम नहीं कर सकते, तो आप दोनों प्रकार से ही सही हैं."
                                                                                                                      - Henry Ford


 कुछ लोग होते हैं जो खुद पर विश्वास करते हुए रिस्क लेने का साहस करते हैं और यदि उनमे असफलता को सहन करने की क्षमता है और वे बार बार असफल होकर भी उम्मीद नहीं छोड़ते और प्रयास करते रहते हैं तो ऐसे लोगों को सफल होने से कोई नही रोक सकता. 


    अत: अगर आपकी  दूसरों से अलग काम में रूचि है तो उसी काम में अपना करियर चुनिए, रिस्क लीजिये, 

साथ ही जहाँ जीत की उम्मीद रखिये वहीं असफलता के लिए भी तैयार रहिये, अपनी असफलता से निराश ना होइए, बल्कि उसके कारण जानने का प्रयास किजिए और फिर लग जाईये अपने लक्ष्य को हासिल करने में, आपकी जीत अवश्य होगी.



  6. दृढ संकल्प की कमी

दृढ संकल्प सफलता के लिए बहुत ही जरूरी है, कई बार हम कोई काम सुरु तो कर देते है लेकिन उसमे आने वाली बाधाओं से घबराकर हम उसे बीच में ही छोड़ देते हैं, 

या उसे लगातार टालते रहते हैं जिससे सफलता हमसे दूर होती जाती है अत: दृढ संकल्प ही हमे किसी काम में मजबूती से जमे रहने के लिए प्रेरित कर सकता है, 

यदि हम दृढ संकल्प से कोई काम करते हैं तो उसमे आने वाली बाधा हमे रोक नही सकती बल्कि हम जल्दी ही उसका समाधान निकालकर आगे बढ़ जाते हैं.

       जब हम अपनी समस्याओं को जानेंगे तभी उनका हल निकाल पाएंगे, यकीनन यदि आप भी इन समस्याओं की लग में हैं तो तुरंत अपने आप में सकारात्मक बदलाव कीजिये, 

और अपने जीवन में बड़े लक्ष्यों और उदेश्यों के साथ आगे बढिए, जीत आपकी होगी.


दोस्तों आपका जन्म सफल होने के लिए हुआ है, आप जीतने के लिए बने हैं, अपने अंदर की शक्तियों का आव्हान कीजिये, उन्हें जगाइए और जीतने के लिए उनका इस्तेमाल कीजिये, बुलंदियां आपका इंतजार कर रहीं हैं.


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