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Sunday, February 18, 2018

new cause of stress in hindi/तनाव बढने के 4 नये कारण और उनके समाधान

"Smile, Smile, Smile at your mind as often as possible,
Your smiling will considerably reduce your mind's tearing tension."
                                                                                                                          -Sri chinmoy 



वैसे तो तनाव के कारण बहुत से हैं, जैसे नींद न आना, अस्त-व्यस्त दिनचर्या, फ़ास्ट फ़ूड, आर्थिक तंगी, खराब रिश्ते, खराब सेहत, किसी अपने को खोना वगैरह वगैरह... 



       ये कारण तो लगभग सभी जानते हैं, लेकिन आजकल कुछ कारण ऐसे पैदा हुए हैं जिनमे ज्यादातर लोग डूबे हुए हैं लेकिन उनको उससे पैदा होने वाले तनाव रूपी जहर का जरा भी अंदाजा नहीं है,

खुद को और दूसरों को प्रेरित करना क्यों जरूरी है!



1. न्यूज़ -

        आपको सुनने में अजीब लगे लेकिन आजकल लोगों के तनाव बढ़ाने में न्यूज़ बहुत अधिक जिम्मेदार हैं, आजकल की अधिकतम न्यूज़ अपराध, भ्रस्टाचार, राजनीतिक बहस, धार्मिक बहस, जातिगत नफरत, धार्मिक नफरत, आत्महत्या, सीमाओं पर तनाव, नफरत फ़ैलाने वाले बयानों आदि से भरी पड़ी होती हैं, जिन्हें सुनकर, पढकर या देखकर नकारात्मकता फैलती है, 



        सबसे ज्यादा तनाव बढ़ाने वाली ख़बरों में किसी धर्म, जाति आदि के नाम पर बहस, जिनकी न कहीं सुरुआत होती है न कहीं अंत, बस देखने वाले का समय जरूर बर्बाद होता है और लोगों में मन में दूसरे धर्म, जाति आदि के लिए नफरत पैदा होती है, इससे हमारे अवचेतन मन पर बहुत ही गलत असर पड़ता है खासकर बच्चों के कोमल मन पर जिन्हें सही गलत की समझ नहीं होती, वो नकारात्मकता की तरफ बढने लगते हैं,




       इनमे खेलों, अच्छी चीजों पर ज्ञान, सकारात्मक चीजों आदि के लिए कोई खास जगह नहीं होती ज्यादा से ज्यादा खेलों में क्रिकेट से सम्बन्धित खबरे ही चलती हैं, बाकि अन्य खेलों की खबरे न के बराबर ही रहती हैं, 



      समाधान  

      किसी भी समस्या का कारण जानना ही उसके आधा समाधान के बराबर है, क्योंकि जब कारण पता होगा तभी समाधान भी निकला जा सकता है, यकीनन नकारात्मक न्यूज़ पढने/सुनने से तो नकारात्मकता ही फैलेगी, 

          तो क्या न्यूज़ देखना छोड़ दें?


    जी नहीं,  आप लोग कुछ ऐसे न्यूज़ चैनल देख सकते हैं जिसमें मसाला कम और अच्छी खबरें ज्यादा हों,

    आप मेरी तरह DD न्यूज़ देख सकते हैं, इसमे आपका न तो ज्यादा समय बर्बाद होगा और न ही आपके अंदर नकारात्मकता घुस पायेगी, बल्कि बहुत ही कम समय में आपको DD न्यूज़ से सारी दुनिया की सही खबरें मिल जाएँगी साथ ही देश के अंदर जो कुछ भी खबरें हैं उनका अच्छे से ज्ञान हो जायेगा बिना फालतू की बहस के,

       DD न्यूज़ में अच्छे मुद्दों पर जो देश हित में है पर discussion होते है जो ज्ञान और जानकारी को बढाती है,  मैं किसी न्यूज़ चैनल की न तो समर्थक हु न ही बिरोधी, जो मुझे सही लगा मैंने आपसे शेयर किया, अन्य न्यूज़ चैनलों में भी कुछ अच्छी खबरें आती होगी आप उन्हें भी देख सकते हैं.

       

  सोशल मीडिया 

सोशल मीडिया पर जहाँ बहुत से लोग अपना समय बर्बाद करतें हैं वही बहुत से लोग इसका प्रयोग अपने business बढ़ाने, अपने काम को बढ़ाने और जरूरत मंद कामों के लिए भी करते हैं, कई लोग जरूरी जानकारियां आदान प्रदान करने के लिए करते हैं, और कई लोग पैसा कमाने में भी करते हैं, 

आपको खुद की तरफ देखना होगा आप किस कैटगरी में आते हैं?


        अधिकतम लोग सोशल मीडिया का प्रयोग केवल टाइम पास के लिए करते हैं, और इन्ही लोगों में से बहुत से लोग खासकर युवा, अपने विचारों को नकारात्मक बनाने में, खुद की मानसिकता व सोच को संकीर्ण करने और खुद के तनाव को बढ़ाने में करते हैं, अब आप पूछेंगे... 


      सोशल मीडिया से तनाव कैसे बढ़ता है?


       आजकल हर जगह जाति, धर्म, सम्प्रदाय, राजनीतिक पार्टी आदि के नाम पर अलग-अलग संगठन बने हुए हैं, जो सोशल मीडिया पर हमेशा सक्रिय रहते हैं, 


      जाने अनजाने लोग खुद को इन संगठनों का हिस्सा समझने लगते हैं, वो खुद को उस संगठन का हिस्सा मान लेते हैं जिस जाति, धर्म आदि से वो सम्बन्धित होते हैं, और अब उस पेज पर कुछ सही या गलत बाते शेयर हो वे उसे ही सच मान लेते हैं और उसके अनुसार अपने अंदर नफरत बढ़ाते रहते हैं और फिर यहीं से होती है नकारात्मकता की सुरुआत, 


     कोई भी पेज देखलो, उसमे गाली-गलोज, नफरत भरे कमेंट्स भरे पड़े होते है, किसी भी नफरत वाले comment का जवाब देना कई लोग अपना सबसे महत्वपूर्ण कार्य समझते हैं, यहाँ तक की कई अच्छे विषयों से सम्बन्धित पेज पर भी ये लोग अपनी नफरत और frustration उडेलना नहीं भूलते.


        दूसरा कई बार हम सोशल मीडिया में इतने डूब जाते हैं की हमारे परिवार या करीबी किसी को हमारी जरूरत होती है लेकिन हम उसकी मदद करने के बजाय फोन में घुसे पड़े रहते हैं, ठीक ऐसा ही हमारे साथ भी होता है जब हमे किसी करीबी की जरूरत होती है लेकिन वह भी अपने आप में मग्न रहता है, ऐसे में जरूरत के वक्त हम खुद को अकेला महसूस करते हैं जिससे तनाव बढने की काफी सम्भावना होती है.
     

      आजकल लोग जब परिवार या दोस्तों के साथ होते है उस समय फ़ोन के अंदर घुसे होते हैं लेकिन जब उन्हें किसी वजह से अकेले रहना पड़ता है, तब उन्हें अपने परिवार और दोस्तों की याद आती है. यकीनन तब उन्हें अकेलेपन का अहसास होता है.



समाधान 

   सोशल मीडिया का प्रयोग करना बिलकुल भी बुरा नहीं हैं अगर उससे आपके अन्य कार्यों और रिश्तों व दिमाग पर कोई बुरा असर नहीं होता, या अगर आप इसका प्रयोग अपनी जरूरत के लिए कर रहें हैं तो, लेकिन अगर आप इसके दुस्प्रभाव में हैं तो आपको सतर्क होने की आवश्यकता है,



    अगर आपने नफरत फ़ैलाने वाले pages को like किया है और आप भी इसी अंधी दौड़ में सामिल होकर अपना समय और मानसिकता बर्बाद कर रहे हैं, तो तुरंत ही ऐसे pages से खुद को अलग कर दीजिय, और दूसरों के कमेंट पढना बंद कीजिये क्योंकि अधिकतर comments केवल नकारात्मकता से भरे होते हैं, 


       और ऐसे pages को like कीजिये जो आपके अंदर सकारात्मकता भर दें, आपको सोशल मीडिया पर अपने समय को कम कर देना चाहिए, और जो समय आप इन चीजो में बर्बाद करते हैं उसे अपने महत्वपूर्ण कामों में लगाइए इससे आपके अंदर आत्मविश्वास और सकारात्मकता का विकास होगा. 


    आप अगर किसी के नफरत भरे comment का जवाब नहीं देंगे तो ये दुनिया खत्म नहीं हो जाएगी, गलत कमेंट करने से आप भी उन्ही लोगों जैसे बन जायेंगे अत: फालतू की बहस का हिस्सा न बनें.


      नफरत की जगह प्रेम चुने याद रखें हर धर्म, जाति,देश में अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोग होते हैं, अत: लोगों से प्रेम करें बिना किसी भेदभाव के. अपने परिवार के लोगों के समय दें, खासकर जब वे किसी समस्या में हों, क्योंकि आपके सोशल sites पर जितने भी फ्रेंड्स हों जरूरत पड़ने पर सिर्फ आपके करीबी व परिवार के लोग ही आपकी मदद करेंगे.


     कोई पोस्ट डालकर उसमे लाइक्स ही न गिनते रहें यह आपकी सोच को संकीर्ण कर देगा, इन सब चीजों से ऊपर उठें यह दुनिया बहुत बड़ी और बहुत खुबसूरत है, एक मोबाइल में सिमटकर न रहें अपनी गर्दन उठाइए, ऊपर देखिये और जिन्दगी का मजा लीजिये.


   सोशल मीडिया से अच्छा आप कोई स्पोर्ट्स खेल सकते है.



SAD SONG-


       कभी-कभी किसी sad song को मजे के लिए सुनना कोई गलत नही है, लेकिन उस गाने में डूब जाना, खुद को उससे relate कर करके खुद दुखी होते जाना, और फिर खुद से तनाव पैदा करना, सिवाय बेवकूफी के और कुछ नहीं है,



    कई बार हम किसी समस्या में पड़ जाते हैं, उससे परेसानी होती है तो कई लोग उस समस्या का समाधान करने के बजाय sad song सुन सुनकर खुद को और दुखी कर रहे होते है और फिर कहते हैं की मेरी तो किस्मत ही खराब है, मेरे साथ ही एसा क्यों होता है...


आप खुद अपनी परेशानियाँ बढ़ा रहें हैं जिस समय आपके पास मौका है अपनी समस्या सुलझाने का आप उस समय को बर्बाद कर रहे हैं.



समाधान 


   जब आप किसी समस्या, परेशानी में हों या दुखी हो, ऐसे समय में sad song न सुने,यदि कोई गाना सुनना जरूरी ही है तो motivational song सुने इससे आपके अंदर नई ऊर्जा का संचार होगा और आपका दिमाग अधिक सकारात्मक होगा ऐसी स्थिति में तुरंत अपनी समस्या के समाधान में जुट जाएँ, कोई भी समस्या आपके अंदर की शक्ति से बढकर नहीं हो सकती, खुद की आंतरिक शक्ति पर विश्वास कीजिये और अपनी समस्या का समाधान कीजिये.



4. काम में अरुचि 

अक्सर आजकल अधिकतम युवा अपनी पसंद का करियर चुनने के बजाय ऐसा करियर चुन लेते हैं जो उन्हें पसंद नहीं है, अपने दोस्तों, परिवार वालों, समाज आदि के according वो अपना कार्य चुन लेते हैं,


       चूँकि जो काम किसी की पसंद का न हो तो उसे करने में ज्यादा कोशिस करनी पड़ेगी, ज्यादा ध्यान लगाना पड़ेगा, ज्यादा थकावट महसूस होगी और सबसे बुरा बोरियत आएगी, और कोई भी काम हो वह और मुश्किल तब हो जाता है जब हमे हर परिस्थिति की आलोचना करने और उसमे कमियां ढूँढने की आदत पड जाती है.


  समाधान 

इस समस्या के 2 समाधान हैं, एक जो पसंद है वही करियर चुनों या दूसरा जो करियर चुन लिया है उसे ही पसंद कर लो,

    १. जो काम आपको पसंद है उसी काम से related करियर चुने, अब आप कहेंगे की मुझे पसंद तो बहुत कुछ है तो क्या चुनु, आपको अपनी पसंद और रूचि को समझना होगा आप किस काम को करने में ख़ुशी महसूस करते हैं यह समझना होगा,

   
     साथ ही देखना होगा की आप उस काम के कितने योग्य है, यदि किसी काम में आपको रूचि और योग्यता दोनों हैं तो फिर उसी से सम्बन्धित करियर चुनिए. ऐसे में सफलता हासिल करना काफी आसान हो जाता है.


   २. यदि आप पहला option नहीं चुन पाए और आपको कोई ऐसा करियर चुनना पड़ा जिसमे आपकी कोई रूचि नहीं है तो आपको उसी में अपनी रूचि पैदा करनी होगी, रूचि पैदा करना कोई बहुत मुस्किल कार्य नहीं है,


  सबसे पहले अपनी परिस्थितियों की आलोचना करना बंद करें और खुद को चैलेंज दें की आप उन परिस्थितियों में कितने अच्छे से अपना काम कर सकते हैं, 

  दूसरों से खुद की तुलना करने के बजाये, अपने आप पर गर्व कीजिये, और जितना हो सके अपना best करने का प्रयास करें, अपने आप से या दूसरों से कभी न कहें की यह काम कितना बोरिंग हैं बल्कि खुद से कहें की यह बहुत interesting  है, मुझे इसे करने में मजा आता है, चाहे वह आपको कितना भी बोरिंग लगता हो, यदि आप उसे रोज मजे का कहकर करते हैं तो धीरे-धीरे आपको उस काम में ही interest आने लग जायेगा.


short में तनाव के 4 नये कारण

1. न्यूज़ 
2. सोशल मीडिया
3. sad song
4. काम में अरुचि 



     इसके अलावा भी बहुत से कारण हैं जिनसे तनाव बढ़ता हैं, जो हमेशा से मौजूद हैं....

1. जरूरी कामों को टालते रहना और फालतू चीजों में टाइम पास करना,
2. शारीरिक अस्वस्थता 
3. खराब रिश्ते 
4. आर्थिक तंगी/ बेरोजगारी
5. अव्यवस्थित दिनचर्या
6.  दूसरों पर अत्यधिक निर्भरता 

    आदि....


    अपने आप को समझने की कोशिस करें अपनी समझ विकसित करें, अपनी आन्तरिक शक्तियों को याद कीजिये जो इस दुनिया में किसी भी चीज से कई गुना ज्यादा अधिक शक्तिशाली हैं, उन शक्तियों का आव्हान कीजिये, आपकी समस्याए और कोई भी तनाव उनके सामने टिक नहीं सकता, आप अपनी किसी भी समस्या का समाधान करने में और तनाव को दूर करने में सक्षम हैं, आप अपनी समस्या से बहुत बडे हैं और सबसे महत्वपूर्ण आप जीतने के लिए पैदा हुए हैं.


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